शीर्षक–मुझे याद रखनाजब कभी खुद से नाराज हो जाओजब अकेले बैठे -बैठे बेचैन हो जाओउस अकेलेपन में मुझे शामिल करनाउस पल में मुझे याद करनाअपनी यादो में याद रखनाजब धुप तुझे खिडकियों से झांकेजब पलके तुम्हारी आंखो से अठखेलियाँ कर जाएँउस पल में मेरी तस्वीर देखनामुझे अपने ख्वाबो में याद रखनाजब आवारा बादल कोई तुझे भींगने पर मजबूर करेंतुम भींग ही जानाबूंदों में मुझे महसूस करनामुझे याद रखनाजब पलकों से बहते आसूँबहा ले जाए तेरे काजल कोतुम बहते देना उन्हेंमैं करूँगा खुदा से फरियादतुम मुझे याद रखना——अभिषेक राजहंस
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आप की रचना में बहुत बहुत सुंदर है
धन्यवाद बस आपका आशीर्वाद है
Sundar Rachna…do read my poem “नहीं हो तुम कमज़ोर”..
थैंक यू मैं जरुर पढूंगा
बहुत ही सुन्दर रचना।
बहुत खूबसूरत अभिषेक …………..!