Homeतोषबिछुरे मग जाती सँघाती बिछुरे मग जाती सँघाती विनय कुमार तोष 28/03/2012 No Comments बिछुरे मग जाती सँघाती मिली चख चाति कै धार सवाती मिली । रसना जड़ की सरसाती मिली चित सूम को सोन की थाती मिली । जड़ बूड़ति नाव सोहाती मिली बिरहा कतलान की काती मिली । कहि तोष सबै सुख पाती मिली सजनी पियपानि की पाती मिली । Tweet Pin It Related Posts लाज बिलोकन देत नहीँ रतिराज सरकै अँग अँग अबै गति सी आओ जिन आइबे को गहो जिन गहिबे को About The Author विनय कुमार Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.