तेरी सांसों की ख़ुशबू जब मेरी सांसों में रहती थीमेरा चेहरा चमकता था खुशी नस नस में बहती थीसभी ग़म भूल कर यारों सदा जीने की इच्छा थीमुहब्बत का असर देखो मुझे दुनिया ये कहती थीबड़े शिकवे गिले थे मुझको भी अपने परायों से मगर जब तुम मिले दीवार ओ दर नफ़रत की ढहती थीगवाह तारीख़ है जग में सुनो उल्फ़त की ताकत कीख़त्म ये हो नहीं पाई सदा जुल्मों को सहती थीगुज़र जाएगा ये जीवन समझ फिर ये ही आएगाजिसको भूला ज़माने नें वो मुहब्बत ही महती थीशिशिर मधुकर
Оформить и получить экспресс займ на карту без отказа на любые нужды в день обращения. Взять потребительский кредит онлайн на выгодных условиях в в банке. Получить кредит наличными по паспорту, без справок и поручителей
बेहद उम्दा………
Tahe dil se shukriya Babbu ji ………………
मन प्रसन्न हो गया शिशिर जी
Tahe dil se shukriya Krishna ………………
बहुत गजब बहुत सुंदर रचना शिशिर जी ……
Tahe dil se shukriya aadrneey Madhu Ji …………………..
बहुत सुंदर मधुकर जी।
Tahe dil se shukriya Bindu Ji ………………….
बहुत खूबसूरत शिशिर जी ……………!!
Tahe dil se shukriya Nivatiya Ji……………
बहुत ही सुन्दर रचना
धन्यवाद भावना जी…..