भइया नहीं चाहिए मुझे कुछ भी बस तुम अपना प्यार हम बहनों पर बनाए रखना। बेटी हूँ मैं तेरे घर की बस उस घर में हमारा मान बनाये रखना। न भूलना तुम हमें कभी मेरे भाभी के आ जाने से। बस मेरे पापा के घर में हमारा मायका बनाए रखना। मालुम है हमें तेरे दिल के हर कोने में मेरी भाभी का ही राज होगा। पर अपने दिल का एक कोनाहम बहनों के लिए बचाए रखना। अपने बच्चों के मन में मेरा एक छवि बनाना तुम न हो जाऊँ जुदा तेरे बाद भी उस घर में हमारा मान बनाए रखना। पहले हम तुमसे छोटी-छोटी बात पर जी भर लड़ लिया करते थे। रक्षाबंधन पर राखी नहीं बांधुगी हर वक़्त यह कहा करते थे ।तुम भी हमसे लड़ कर कहा करते थे नहीं जाऊँगा तेरे ससुरालहर वक्त यह धमकी दिया करते थे। देखो हमारी किस्मत हमसे बहन से पत्नी के सफर में सारे यादे को पीछे छोड़ दिया। आज तरस रही हूँ तुमसे बाते करने कोजिंदगी किस राह पर ला कर खड़ा कर दिया। बहन से पत्नी बनने के सफर नेमेरे जिंदगी के हर पहलू को बदल दिया। पहले हम सब एक साथ साल भर परीक्षा की तैयारी किया करते थे। आज बिन तैयारी के ही हर दिन अकेले ही परीक्षा दिया करते है पहले फेल होने का भय नहीं रहता था। आज पास होने पर भी भय बना रहता है सुबह पास हो गई कही शाम फेल ना हो जाऊँ यह डर हरपल हमें सताया करता है। भइया नहीं चाहिये हमें कुछ भी बस उस आगाँन में हम बहनों का याद हमेसा सजाये रखना।
Оформить и получить экспресс займ на карту без отказа на любые нужды в день обращения. Взять потребительский кредит онлайн на выгодных условиях в в банке. Получить кредит наличными по паспорту, без справок и поручителей
बहुत बढ़िया भावना जी.. आपने मायका में परिवार का ऐसा प्यार दिखलाया है.. वह काबिले तारीफ की है।
बहुत बहुत धन्यवाद
Bahut Sundar bhav…
बहुत बहुत धन्यवाद
bhut khoobsurat bhav apki kavita me bhvna ji……….hm bhno ko bhaiyo se bs itna hi chahiye hota h………
सही कहा आपने हमारे लिए इतना ही काफी है। बस ओर कुछ नहीं चाहिए हमे। बहुत बहुत शुक्रिया आपका इस रचना को पढ़कर अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए।
behad sundar ………..
बहुत बहुत धन्यवाद।
बहुत बहुत धन्यवाद