3-4साल का बच्चा अपने पड़ोस के हमउमर बच्चों को होली खेलते देख अपनी maa से कहता है -माँ ! हमें भी ला दोनई पिचकारी बंदूक बालीमैं भी इसमें रंग भरुंगालाल, गुलाबी ,पीली बाली।और खूब खेलूंंगाचुन्नी के संगयह रंग बिरंगी होली।Maa जो बहुत ही गरीब है और दो वक्त की रोटी भी बहुत कठिनाई से नसीब होती है वो अपने बच्चों से कहती है-अब की तु खेल इन हाथो से हीलाल,गुलाबी,पीली होलीअगले साल ला दुंगी तुमकोनई पिचकारी बंदूक बालीतब तु खुब खेलनालाल,गुलाबी,पीली होली।पर बच्चा नहीं मानता है और अपनी maa से हठ करता हुआ कहता है-नहींं maa!हमें अभी चाहिएनई पिचकारी बंदूक बालीमैं उससे ही खेलूंगालाल,गुलाबी,पीली होली।अब अपने बच्चों के हठ के आगे उसे झुकना पड़ता है और एक कोने मे पड़े हुए पुराने टुटे चारपाई को बेच कर उससे आए हुए पैसा से अपने बच्चों के लिए पिचकारी खरीद कर लाती है और अपने बच्चों को देते हुए कहती है-ले आई मैं तेरे लिएनई पिचकारी बंदूक बालीतु खेल इससे रंग बिरंगी होलीलाल,गुलाबी,पीली बाली।बच्चा खुश हो जाता है और अपने maa के गले से लग कर कहता हैमैं खूब खेलूंगा इससेरंग बिरंगी होलीलाल,गुलाबी,पीली बाली।Bhawana kumari
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हमने इसमें कुछ सुधार कर फिर से पोस्ट किया है।
BAHUT ACHCHHI RACHNA BAN GAI…… SUNDER….BACHCHON KI LALAK AAKHIR KAR MA KO JHUKA HI DETI HAI …. YAHI TO MAA KI MAMTA HAI.
बहुत बहुत धन्यवाद सर