प्रतिदिन ही अखबार में खबर बन रही है लड़कियाँ कही पर उसकीइज्जत लूटी गई हैकही पर उसेडायन कहा गया है और कही पर उसेजिन्दा जला दिया गया हैअपनों के बीच रहने पर भीवह अकेला ही–नरक की जीवन जी रही है माँ की गर्भ मेंरहने पर भीउसे शांति कहाँलोग जान जायेंगे तोवह बच नहीं पायेगी.अब चारों ओरअपनी आँसू गिरा रही हैऔरतें.सबको इज्जत देती प्यार बाँटती है हर पलऔर वह खुदएक बून्द प्यार के लिए भी तरसती रहती है.
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Itni nirasha mat sochiye sahab . Ye sach hain par . Kuchh ladkiyo ke liye
बहुत सही आपकी रचना
आपका चिंतन यथोचित है ……..इसके लिए सामाजिक जागरूकता कि आवश्यकता है !
सही बात कही …….वास्तविक रचना………..
सही कहा आपने…….