लगाकर गले से मुझको सनम प्यार के सारे तुम एहसास दे देना गा उठें मेरे दिल की धड़कनें सभीसाँसों को मेरी तुम साज़ दे देना लगाकर गले से मुझको सनम प्यार के सारे तुम एहसास दे देना ,,,,थामकर अपने हाथों में हाथ मेरा हर सफ़र में मेरा तुम साथ दे देनाराहें खिल जाएगी ज़िंदगी की सभीमेरी राहों को तुम अंज़ाम दे देनालगाकर गले से मुझको सनम प्यार के सारे तुम एहसास दे देना ,,,,,,,,पलकों को मेरी अपने होंठों से छूकरअपनी आँखों के सारे ख़्वाब दे देना बूँदें शबनम की पाक़ हो जाएगीअपने अश्क़ों का मुझको ज़ाम दे देनालगाकर गले से मुझको सनम प्यार के सारे तुम एहसास दे देना ,,,,,ठहर जाऊँ जो मैं ज़िंदगी के सफ़र मेंउम्मीदों का रोशन चिराग़ दे देनाशब-ए-ज़िंदगी के अँधेरों में भी जुगनुओं की मुझको तलाश दे देना होंगी मुक़म्मल हसरतें मेरे दिल कीबस इतना सा मुझको विश्वास दे देना लगाकर गले से मुझको सनम प्यार के सारे तुम एहसास दे देना ,,,,,।।सीमा “अपराजिता “
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वाह सीमा जी, बहुत खूबसूरत लिखा है आपने।
बहुत -बहुत आभार आपका सर ,,,
बहुत -बहुत आभार आपका सर,,,
behad umda………….
Ati sundar Seema JI………..
bhut khoobsurat rachana seema ji….
meri rachana मित्र,..आए हैं….bhi padhiye….
बहुत ही खूबसूरत…….!