एक छोटा सा सितारा हूँ मैंजिसमें चांदनी जितनी भी चमक नहीं…..बस ये सोच कर जगमगा उठता हूँकि और भी हैं कितने सितारे….जिन्हें मेरी जितनी भीरौशनी नशीब नहीं……………. सोचा तो लगा कि कुछ जैसा नहीं मै………….. मगर कुछ तो हूँ………… और जो हूँ……………. अपनी पहचान आसमान में… ……..मुझे खुद ही बनानी होगी…… ।। ” काजल सोनी “
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सही कहा आपने काजल जी। सराहनीय रचना।
तहे दिल से बहुत बहुत आभार आपका भावना जी….
bhut khoobsurat kavita apki kajal ji…………
तहे दिल से बहुत बहुत आभार आपका मधु जी….
BAHUT SUNDER KAJAL JEE.
तहे दिल से बहुत बहुत आभार आपका शर्मा जी…..
sundar………..
तहे दिल से बहुत बहुत आभार आपका शर्मा जी…..
सकारात्मक सोच का अच्छा उदहारण…………!
तहे दिल से बहुत बहुत आभार आपका निवातिया जी….
बिल्कुल सही
तहे दिल से बहुत बहुत आभार आपका कपिल जी….