स्वेटर माँ के हाथ का
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सर्दी से बचने के लिए,आज लबादों से लदा हूँ, महंगे सूट पहनकर !मगर वो गर्माहट नहीं मिलती,जो माँ के हाथ से बने स्वेटर में मिलती थी !!
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डी के निवातिया
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सही कहा आपने सर। माँ के हाथो से बनी चीज़ों की बात ही कुछ और होती है।क्यो कि उसमें जो प्यार दिखता है व किसी बाजार से खरीदकर लाए गए चीजों में नही मिलता। और जब इस ठण्ड में माँ के हाथो से बना स्वेटर की बात ही कुछ और है। और उसके गरमाहट के क्या कहने…….बहुत बहुत बहुत बहुत ही खुबसूरत रचना।
ह्रदय के भावो के मान देने के लिए तहदिल शुक्रिया आपका भावना जी …….!!
माँ के हाथों बनी स्वेटर.. क्या कहने… ममता प्यार स्नेह से बुनी हुई… ठंढ में पहनने के मजे कुछ और। है। सारे गरम कपड़े फीके पड़ गये। बधाई हो ऐसी बातें करने के लिए।
ह्रदय के भावो के मान देने के लिए तहदिल शुक्रिया आपका बिंदु जी …….!!
sahi kaha nivatiya ji………….ma ki mamta ka mol nhi hai………
ह्रदय के भावो के मान देने के लिए तहदिल शुक्रिया आपका मधु जी …….!!
सचमुच माँ की ममता की गरमाहट अनोखी होती है
……….. लाजवाब पंक्ति….. निवातिया जी…..
ह्रदय के भावो के मान देने के लिए तहदिल शुक्रिया आपका काजल जी …….!!
मेरे पास शब्द नहीं हैं इस रचना के लिए क्यूंकि माँ बच्चे का रिश्ता ही ऐसा है…प्यार माँ का हर किसी भाव…शब्द से ऊपर है….मुझे ऐसा लगता है की ये ऐसी गर्माहट है जो किसी जन्म में ख़त्म नहीं होती…मेरी माँ ने जो सबसे पहले मेरे लिए स्वेटर बुना था वो मुझे छोटा हो गया है…पर माँ का प्यार उसमें बेशुमार है… मैंने उसको सहेज के रखा है…वो इस दुनिया में नहीं हैं पर उसके प्यार की गर्माहट मुझे महसूस होती है….जैसे आपकी रचना में है… हर माँ को मेरा नमन… जय हो….
मेरे पास भी शब्द नहीं है आपके साहित्य प्रेम और उसके प्रति नजरे इनायत करने की……………मेरे ह्रदय के भावो को मान देने के लिए तहदिल शुक्रिया आपका बब्बू जी …….!!
Waah kyaa baat hai. Bahut kam shabdon me dil ko choo gai …………….
मेरे ह्रदय के भावो को मान देने के लिए तहदिल शुक्रिया आपका शिशिर जी …….!!