मुखिया जी तनी कर दीं भलाई अपने अकेले ना खाईं मलाई। नाम होय जाई जब करवा तूं सेवागरीब ई जनता के मिल जाइ मेवा भटकल बा ओकरा के आपन बनाईं मुखिया जी तनी……. ।बिना घूस के बनवऽ द शौचालय फूस के मड़इया तूं कर द शिवालय मूरख बा ओकरा तू करादऽ पढ़ाई मुखिया जी तनी……. ।मनरेगा के लाभ तनी उनको देलावाजिये के हिसाब तनी उनको सिखावाजीवन में उनका नऽ बारा सलाई मुखिया जी तनी…….. ।सीओ बिडिओ के तूं खुल के बतावऽ भरे के तिजोरी के अब रहता मेटावऽ परदा जे बाटे अब ओकरा हटाईं मुखिया जी तनी कर दीं भलाई।
Оформить и получить экспресс займ на карту без отказа на любые нужды в день обращения. Взять потребительский кредит онлайн на выгодных условиях в в банке. Получить кредит наличными по паспорту, без справок и поручителей
बहुत ही सुंदर
…… बहुत ही बढ़िया…
………. बिन्दु जी…..
Lovely sarcasm Bindu ji. …..
बिन्दु जी आज की सच्चाई पर आपकी चोट प्रशंसनीय है ।
बहुत ही सुन्दर रचना।
ati sundar……….
बहुत सुंदर ……….क्या कटाक्ष किया है …………..लाजबाब !