प्रकीर्ति जब अपने उजलेपन में नहाई होगी…हर और यौवन सी मस्त छटा बिखरी होगी….कोहरा होगा न सर्दी, न मौसम में गर्मी होगी….मन घूमर बन नाचेगा सुनहरी धूप होगी…..चैत्र प्रथम तिथि में तेरी मेरी सुबह होगी…भारत के नव वर्ष की वो सुबह होगी….\/सी.एम्. शर्मा (बब्बू)….
Оформить и получить экспресс займ на карту без отказа на любые нужды в день обращения. Взять потребительский кредит онлайн на выгодных условиях в в банке. Получить кредит наличными по паспорту, без справок и поручителей
बहुत सुंदर ….
नये साल की बहुत बहुत शुभकामनाएं.
तहदिल आभार आपका…Vijayji….
ये बात तो आपने बहुत ही सही कही …
चैत्र के महीने में हमारे भारत में नव वर्ष की शुरुआत
होती है…. पर क्या करें भारत के लोगों को याद ही नहीं
रहता……. सुंदर रचना आपकी….
तहदिल आभार आपका…Kajalji…
Sundar rachna…
तहदिल आभार आपका…Anuji…
I agree ………..
तहदिल आभार आपका…Madhurji…..
बहुत खूबसूरत ………..सत्य वचन ……………….आपको भी सपरिवार पारम्परिक अंग्रेजी नूतन वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें..!
तहदिल आभार आपका….Nivatiyaji….