इंसान है हम, इंसान ही बने रहे,सोचे, समझे, फिर, कुछ कहे,अपने बोले किसी शब्द से,कभी, किसी का दिल न दुख जाए|इंसान है हम, इंसान ही बने रहे,सोचे, विचारे, फिर, कुछ करेअपने किसी भी कार्य से,कभी, किसी को ठेस न लग जाए|इंसान है हम, इंसान ही बने रहे,सोचे, सम्भले, फिर कुछ बोले,अपनी कही किसी बात से,कभी, किसी का मान न घट जाए|इंसान है हम, इंसान ही बने रहे,सोचे, परखे, फिर निर्णय ले,अपने उठाये किसी कदम से,कभी, किसी का नुक्सान न हो जाए|एक बात का हमेशा, ध्यान रहे,जैसी चाहत, खुद के लिए रखे,वैसा ही ब्यबहार, औरो से करे,जैसा करोंगे, वही लौट के, है वापस आए|इंसान है हम, इंसान ही बने रहे,इंसान है हम, इंसान ही बने रहे| अनु महेश्वरीचेन्नई
Оформить и получить экспресс займ на карту без отказа на любые нужды в день обращения. Взять потребительский кредит онлайн на выгодных условиях в в банке. Получить кредит наличными по паспорту, без справок и поручителей
वाह अनु जी ……..
बहुत ही सुंदरता के साथ इंसानियत का परिचय दिया है आपने ………
कृपया मेरी रचना ” कड़वाहट जब छनके आयी है ” पर अपनी प्रतिक्रिया दीजिये
Thank You, Manuraj….
आपने इंसान की इंसानियत को अपने दायरे में लाने की और उसे समझने – समझाने की भरपूर कोशिश की… हर इंसान को अपने आप में परखने का एक सफल प्रयास कराया…. काबिले तारीफ की है।
Thank You, Bindeshwar ji…
बात तो बहुत ही सुंदर कही आपने अनु जी…..
…..बहुत बढ़िया……!!
Thank You, Kajal ji…
Ek achche insaan ko rekhankit karti sundar bhaavnaaen Anu …….
Thank You, Shishir ji…
bahut khoobsoorat………….
Thank You, Sharmaji…
बहुत सुन्दर…………………….
Thank you, Vijay ji…
Bahut Khub Anu ji insaan ko insaniyat ka path padati ek bahut hi khubsurat rachna , Lajawab
Thank You, Rajeev ji…