आज वक़्त ने जिस दहलीज पे ला खड़ा किया है,खामोशी में बस अपनी ही आवाज़ सुनाई देती है|आज काफ़ी रिश्तो से जैसे साथ ही छूट गया है,कुछ ने शहर, तो, कुछ ने, दुनिया ही छोड़ दी है|यादों की लहरे दिल के समंदर में जब मचलती है,अश्रु बन, आँखों के जरिये, बस निकल पड़ती है|ज़िन्दगी की गाड़ी, यहाँ किसी की, कब रुकी है?यादों को दिल में बसाए, हम भी जिए जा रहे है |धीरे धीरे इस साल के, बीते पलों पे, पर्दा गिर रहा है,फिर एक नया साल, नई उम्मीदों के साथ, आ रहा है| अनु महेश्वरीचेन्नई
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आने वाला साल, आप सभी के जीवन में ढ़ेरो खुशिया लेकर आये, ऐसी कामना करती हूँ|
Atyant bhavuk rachnaa Anu. Jeevan ki sachchai samete hai ………..
Thank you so much Shishir ji…
नव वर्ष की शुभकामनाएं ढेर सारे उम्मीद आपके पूरी हों। यही हमारी कामना है। अच्छी रचना के लिए बधाई।
Thank you, Bindeshwar ji..
बहुत ही सुंदर…. लाजवाब…… रचना…. अनु जी..
Thank You, Kajal ji…
नए साल का नया सूरज नई खुशियाँ लेकर आए। नए सुख दे दरवाजे पर दस्तक,हर संध्या नए नए अहसास जगाये। नए साल की हार्दिक शुभकामनाएँ। रचना बहुत ही सुन्दर है।
Thank You, Bhawana ji…
Bilkul sahi kaha aapne……..
Thank You, Sharma ji…
सैदव की तरह यथार्थ के समेटे सुन्दर रचना……नूतन वर्ष की अग्रिम बधाई स्वीकार करे ।
Thank You, Nivatiya ji…
bhut sundar saty aur satik rachana apki anu ji…………….
Thank you, Madhu ji…
सुन्दर रचना……
Thank you, Vijay ji….
Anu ji kya likha hai aapne “यादों की लहरे दिल के समंदर में जब मचलती है,
अश्रु बन, आँखों के जरिये, बस निकल पड़ती है|” bahut khub ,ek ek shabado ko bahut hi khubsurti se pirokar aapne ek sunder rachna tyaar ki hai.Wonderful
Thank you, Rajeev ji…