इंसानियत बड़ी
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मंदिर बने या मस्जिद इस पर बहस लड़ी हैईश्वर रहेगा या अल्लाह इस पर बात अडी हैजब पूछा जरूररतमंद, भूखे-प्यासे इंसान सेबोला, मिले तो हमारे लिए इंसानियत बड़ी है !!
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डी के निवातिया
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1000 % सत्य है ……
बहुत बहुत धन्यवाद आपका …………………….MANURAJ !
सौफीसदी सत्य…इस सत्य का पता है सब को…जानते हैं फिर भी वर्चस्व दिखाने की होड़ है….और कुछ नहीं….बचपन में कोई भी एक धार्मिक स्थल होता था गाँव से बाहर…या शहर में कहीं एक जगह…सब वहां मिलजुल के हर त्यौहार मनाते थे….और सभी खुश थे…प्यार था आपस में…अब हर गली मोहल्ले में हर किसी का अपना धर्म स्थल है…तथाकथित गुरुओं का आश्रम है…फिर भी अशांत हैं सब….कारण यही कि पाखण्ड में सब पड़ गए इंसानियत को भूल गए….
सत्य कहते है आप …………बहुत बहुत धन्यवाद आपका …………………….BABBU JI.
Baat to sahi hai lekin samasyaa yah hai ki koi ek hi isk darshan ki pungi kyon bajae. Itihaas me hue galat daman kaari kratyon ko theek karnaa bhi sabhy samaaj ki jimmedaari hai.
सत्य कहते है आप …………बहुत बहुत धन्यवाद आपका ……………………SHISHIR JI.
बहुत ही सुन्दर निवातिया जी |
बहुत बहुत धन्यवाद आपका ……………………SHUKLA JI.
Very true….
बहुत बहुत धन्यवाद आपका …………………ANU JI.
very nice nivatiya ji……………….
बहुत बहुत धन्यवाद आपका …………………MADHU JI.