*तय करें हर राह मिल-जुल…*हो सफल हर चाह मिल-जुल,तय करें हर राह मिल-जुल।इस जहां में शेष हैं जो,मंजिलों के ख्वाब सुंदर|हों भले दुश्वारियां पर,कम न हो उत्साह तृणभर।लाख बाधाएं खड़ी हों,यत्न का निर्वाह मिल-जुल।हो सफल हर चाह मिल-जुल,तय करें हर राह मिल-जुल।क्या हुआ कुछ क्षण भले ही,हीनता ने आज घेरा।वार खाली कुछ हुए औ,गिर चला विश्वास तेरा।कर चयन नव यत्न फिर से,हो प्रबल उत्साह मिल-जुल।हो सफल हर चाह मिल -जुलतय करें हर राह मिल-जुल।कोशिशों से जीत होती,कोशिशों से हार भी है।धार से हो वार निश्चित,वार से ही धार भी है।पुष्ट करके धार निकलें,वार का संवाह मिल-जुल|हो सफल हर चाह मिल -जुलतय करें हर राह मिल-जुल।राह के पत्थर सरककर,खुद ही देते रास्ता भी।हो अगर पक्का इरादा,लक्ष्य से हो वास्ता भी।सिंधु सी गहरी जटिलता,माप लें हर थाह मिल-जुल।हो सफल हर चाह मिल -जुलतय करें हर राह मिल-जुल। -‘अरुण’
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Behad khoobsoorat or prernaa dene vaali rachnaa Arun. Aapkaa shabd Chayan bahut prabhaavshaali hai ……..
सादर धन्यवाद सर।
खूबसूरत प्रेरक रचना ……..अति सुंदर ।
धन्यवाद सर
bahut khoobsoorat………………
आभार सर
खूबसूरत प्रेरणा से भरी – पुरी रचना अति सुंदर।
धन्यवाद सर