शीर्षक-अभी जारी हैअपने सपनो के देश कोबदलने की तेयारी अभी जारी हैवो जो हुक्मरान बैठे है सिहांसन परयही तो दिलासा दे रहे हैनोटबंदी करवा करभारत को कतारों में लगा करदूर करी बेकारी हैअपने सपनो के देश कोबदलने की तेयारी अभी जारी हैवो जो संसद में बैठते हैअरे वही जिसे हमने ही चुनाव में जीताया हैयही तो कह रहे हैंइंडिया उनके कहने से ही तो स्टैंड अप कर रही हैकाला धन को सिट डाउन करने के बहानेहर रोज गाते हैं नए नए अफ़सानेअपने सपनो के देश कोबदलने की तेयारी अभी जारी हैवो जो रेडियो पर आते रहते है गाहे बगाहेअपने मन की बात करनेयही तो दिलासा दे रहे हैदेश को बदलने के लिएअभी हाल ही में जी एस टी का झुनझुना थमाए हैजनता को फिर से भरमाये हैअपने सपनो के देश कोबदलने की तेयारी अभी जारी हैगरीबी,भुकमरी बेरोजगारी लाईलाज बिमारी हैये किस्से है चुनाव केजुमले है चुनावी मौसम के इसे रहने दीजियेजनता को वोट देने की बिमारी हैसरकारों के भरोसे रहने की लाचारी है—————————-अभिषेक राजहंस
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sundar………
अच्छी रचना
सुन्दर|
बहुत ही बढ़िया………!!
Lovely creation………!