तीन पन्ने हैं हमारी जिंदगी की किताब में….पहला पन्ना पलट चुका है जिसे हमदुबारा नहीं पलट सकते ……तीसरा पन्ना जो वक्त आने पर खुद ब खुद पलट जायेगा ………..रह गया दुसरा पन्ना जो हमेशा हाथ में होता है…… हम इस पन्ने को हाथ में लेकर पहले और तीसरे पन्ने के बारे में सोचते रहते हैं, जो हाथ में है उसे भुल जाते हैं। फिर वक्त आते ही तीसरा और आखिरी पन्ना भी पलट जाता है और हम इसे भी गवां बैठते हैं……… इंसान को चाहिए कि वह बाकि पन्नों के बारे में कम सोचें और जो हाथ में है उसमें दिल खोलकर अपनी जिंदगी लिख दे ……… ।। ” काजल सोनी “
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बिलकुल १००% सत्य वचन…….वर्तमान ही भूतकाल बनेगा जो पहले भविष्य था….वर्तमान संभाल लिया तो सब संभल गया… पर समझ के भी नासमझ हम….
ऐसा यथार्थ जिससे सभी अवगत है मगर फिर भी अवहेलना कर जाते है ………..जिंदगी का यही सार है …………..बहुत खूबसूरत !
sahi kaha apne kajal ji…………gajab .
वाह, दर्शन से ओतप्रोत..सुन्दर ..बधाई , काजल जी|
Bahut sahi kaha Kajal. One should live in present …..