वो दिन रात हमे सताने लगे ,जो हम उन्हें मनाने लगे ।वो देख हमे मुस्कुराने लगे ,हम होश अपने गवाने लगे ।वो कोई बात हमे बताने लगे,हम बातों में उनकी खो जाने लगे ।वो शर्त हमसे लगाने लगे ,हम सब कुछ अपना हार जाने लगे ।जब दुरीयाँ बढ़ा वो हमें रुलाने लगे ,हम दिल को अपने ही समझाने लगे ।वो छुड़ा के दामन हमसे जाने लगे ,और हम प्यार फिर भी उनसे निभाने लगे ।। ” काजल सोनी “
Оформить и получить экспресс займ на карту без отказа на любые нужды в день обращения. Взять потребительский кредит онлайн на выгодных условиях в в банке. Получить кредит наличными по паспорту, без справок и поручителей
काजलजी….पहली बार आपकी ऐसी रचना देखी है….जो मुसलसल ग़ज़ल…नज़्म के रूप में है…और पूरी की पूरी मतले में कह डाली….बेहद उम्दा….
वाह …अति सुन्दर ………अपनी लय से हटकर कुछ करना ……वो भी बेहतरी के साथ यही तो अच्छी लेखनी की पहचान है …………बहुत खूबसूरत !
Bahut khoob kajal. Bahut kam shabdon me bahut kuch kah diyaa ………..
सुन्दर|