जब आंखों को भाती तो दिल में उतर जाती दिल में समाके वो नस – नस में उतर आती दिल लग जाय तो फिर है याद का नाता टूटे अगर दिल तो फिर ख्याल का कांटा।
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Nice lines…
बहुत बहुत धन्यवाद अनु जी।
सुन्दर भाव……………..
तहे दिल सुक्रिया श्री मान जी ।
वाह ..
बहुत बहुत शुक्रिया शुक्ला जी।
अच्छा ख्याल ….!
तहे दिल आभार निवतिया जी।
सुन्दर भाव
बहुत बहुत धन्यवाद सर्वेश जी।
nice lines……………………………….
तहे दिल आभार मधु जी।
Bindu ji Kuch gadbad hai. Man or dil to ek hi hain. Mere anusaar rachnaa sudhaar maangti hai. Vichaar keejiyegaa.
शब्दों को अगर विवेचना में ली जाय और उसपर तर्क हो तो उसके अर्थ भी अलग होते हैं जैसे दिल और मन…. ये अलग-अलग होते हुए भी एक है और नहीं भी…. क्योंकि एक दिमाग यानी मस्तिष्क में रहता है और एक सीने में…… खैर मैंने उसमें और सुधार में ले आए हैं…. कृप्या फिर से देखें।
Bindu ji consider the following which also says what you are trying to say.
आंखों को भाती और दिल में उतर जाती
दिल में समा के वो नस नस में उतर आती
दिल लग जाय तो फिर है याद का नाता
टूटे अगर दिल तो फिर ख्याल का कांटा।
Very very thanks for your best guidance, please look it’s…. Thanks.