लोग सुनकर क्यूं मुस्कराने हैं लगेऔर भी खबसूरत अंदाज हैं मरने के लेकिनइश्क में जीना ‘अरुण’ सुहाना है लगेक्यूं करें इश्क में मरने की बातइश्क तो जीने का खूबसूरत अंदाज है लगेदिल में आई है बहार जबसेपतझड़ को आने से डर है लगेहमें क्या मालूम महबूब का पतादिल ही उसका अब घर है लगेनजरें चुराईं, नजरें झुकाईं, लाख जतन कियेमिलीं नजरें तो हटाने का मन न करेइश्क को लाख छुपाया, छुपा न सकेजो हम उड़े उड़े से वो खोये खोये रहने हैं लगेएक गम होता तो बता देते सबकोउनसे मिलना छोड़ अब सब ग़मगीन है लगेफ़िजाओं में खुशबू सी फ़ैली है बातफ़साने हमारे लोग हमें ही सुनाने हैं लगेनया है, नहीं पुराना अपना फ़सानासुनकर आप क्यूं मुस्कराने हैं लगेजमाने ने दिए गम बहुत पर तुम्हें नहीं भूले हमजताने ये तराने इश्क के गाने हैं लगेअरुण कान्त शुक्ला, 4/11/20
Оформить и получить экспресс займ на карту без отказа на любые нужды в день обращения. Взять потребительский кредит онлайн на выгодных условиях в в банке. Получить кредит наличными по паспорту, без справок и поручителей
bhut sundar bhav se purn kavya hai apki……………..
Bahut khoob zArun ji………
Bahut Sundar bhav, Arun ji…
अच्छी खूबसूरत रचना शुक्ला जी
खूबसूरत……….
आप सभी आदरणीयों को सादर धन्यवाद |
बहुत खूबसूरत शुक्ला जी