💐मानवता का पाठ💐 मधु ति.तुम हमें मानवता का पाठ पढ़ाते होऔऱ देशभक्ति भी हमको सिखाते होहमने जीवों पे दया करना सीखा हैऔऱ विश्वबंधुत्व पर इबारत लिखा हैसभ्यता तुम्हारी सदियों से परिष्कृत हैबंधु हम तो युगों युगों से सुसंकृत हैंतुमने जग मे सभ्यता का विस्तार कियाहमने सारी दुनिया को ही संस्कार दियाजग कल्याण को तुमने कुछ करने ठानी हैब्रम्हाण्ड रक्षा भाव अपनी बड़ी पुरानी हैप्यार की ही महत्ता तुमने भी बताई हैत्याग तप प्रेम हित हमने सदा सिखाई है✍🏻श्रीमती मधु तिवारी,कपसदा,दुर्ग,छ.ग.💐💐💐💐💐💐💐💐
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अति सुंदर मधु जी ………..अपनी सभ्यता और संस्कृति का आईना दिखाती सुंदर रचना ………..!!
आला-रे-आला रचना को नजर कर अपने अमूल्य विचारो से नवाज़े !!
बहुत बहुत आभार सर…………….
अति सुन्दर रचना, मधु जी ।
बहुत बहुत आभार साँखला जी………….
बहुत खूबसूरत पंक्ति से आपने बहुत अच्छी बात कही… जय श्री राम।
बहुत बहुत आभार शर्मा जी……………….
Bhaarteey mulyon kaa bahut khoob tulanaatamak varnan Madhu ji ………
हाँ सर……आभार………..
बढ़िया है ..
आभार आपका………………।
Bahut Sundar rachna, Madhu ji…read my poem “ज़िन्दगी एक विश्वास है”…
aabhar anu ji……………………read ki hai maine apki rachana…….behtreen hai.
bohut umda madhu mam….apke lekho se bahut kuch sikhne ko milta hai hum jaise nawjawano ko.
aabhar apka nitesh……………. koi prerna le to hi rachana sarthak hai.
बहुत खूबसूरत………
aabhar apka sharma sir ji………………
बहुत अच्छी कविता है।