आला-रे-आला
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आला-रे-आला, सुन मेरे लाला, लगा ले अपनी जुबान पे तालाजो बोलेगा सच्ची सच्ची बाते, किया जायेगा उसका मुँह कालावतन व्यवस्था का टूटा पलंग हैचरमारती अर्थव्यवस्था बेढंग हैढीला अपना कुर्ता पतलून तंग हैटूटी हुई गाडी का दमकता रंग हैवजीर-ऐ-आला फिर भी मलंग हैआला-रे-आला, सुन मेरे लाला, लगा ले अपनी जुबान पे तालाजो बोलेगा सच्ची सच्ची बाते, किया जायेगा उसका मुँह कालाझूठ के तेल में पकते है इनके वादेकहते है कुछ ये,कुछ और है इरादेकीमती लिबास में दिखते है सादेफटे कुर्ते में निकलते है साहबज़ादेराजन भी करने लगे, अब झूठे वादेआला-रे-आला, सुन मेरे लाला, लगा ले अपनी जुबान पे तालाजो बोलेगा सच्ची सच्ची बाते, किया जायेगा उसका मुँह कालाडाकिये से शादी की,वक़्त पे खत मिले नहींइश्क मूक गुजर गया, ओठ जरा हिले नहींकीचड खूब बनाये, मगर कमल खिले नहींसत्य अंहिंसा संग चले पर गांधी मिले नहींझूठ बोलकर खूब नचाया, बंदर थे नचे नहींआला-रे-आला, सुन मेरे लाला, लगा ले अपनी जुबान पे तालाजो बोलेगा सच्ची सच्ची बाते, किया जायेगा उसका मुँह काला
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डी के निवातिया
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उपरोक्त रचना का उद्देशय किसी के मनोभावों को ठेस पहुंचाना नहीं है, कृपया सकारात्मक भाव से पढ़ते हुए रचना का रसास्वादन करे,…… आप सभी के अमूल्य विचार, आलोचनात्मक, विवेचनात्मक टिप्पणी का ह्रदय से अभिलाषी हूँ !!
रचना पर अपने अमूल्य विचार प्रकट कर उत्साह बढ़ाने के लिए आप सभी भद्रजनो का ह्रदय से शुक्रिया अदा करता हूँ……और आभार प्रकट करता हूँ ……धन्यवाद !
Behtreen kataaksh. Yah rachnaa to manch se padhee jaae to sama baandh degi.
ह्रदय में उत्साह का संचार करती खूबसूरत प्रतिक्रिया के लिए कोटिश आभार आपका …SHIHSIR JI.
मैं सोच में पड़ा रहा की क्या लिखूं….इस रचना पे….बेहतरीन अंतिम पद के लिए शब्द छोटा है….ऐसा सोचना फिर लिखना….मुझे तो सदियाँ चाहिये….कमाल है….पूरी रचना कटाक्ष करने के अंदाज़ का नायाब अंदाज़ है……जय हो…..
ये आपकी ह्रदयविशालता है जो आप इतना मान देते है …..आपके विचार अमूल्य है ……….ह्रदय में उत्साह का संचार करती खूबसूरत प्रतिक्रिया के लिए कोटिश आभार आपका …….BABBU JI.
nice
Thanks for comments.
बहुत खूबसूरत और सुरीली रस भरी रचना….. वाह…..
उत्साहवर्धन करे आपके अमूल्य विचारो का ह्रदय से धन्यवाद बिंदु जी …………….!!
Bahut hi sunder criticism….
Nice lines sir
Thank U very Much for comments Mr. Shyam Tiwari………….!
,बहुत ही सुन्दर रचना 👏
उत्साहवर्धन करे आपके अमूल्य विचारो का ह्रदय से धन्यवाद नरेन्द्र कुमार जी …………….!!
Bahut hi sunder kataksh hai.ati sunder sir.
Thank U very Much MANISH MISHRA.
आद . डी. के. जी उम्दा रचना हुई है आपकी सोच को सलाम
खूबसूरत प्रतिक्रिया के लिए कोटिश आभार आपका ……Dushyant PATEL
बहुत खूबसूरत ……….गजब ………बहुत बढ़िया रचना निवातिया जी…….
खूबसूरत प्रतिक्रिया के लिए कोटिश आभार आपका ……MADHU JI.
D.k. JI bahut hi sunder line likhi h. Kya criticism kiya h aapne . dil khus ho gaya
Sabash
Keep it up
Jagdish prasad
खूबसूरत प्रतिक्रिया के लिए कोटिश आभार आपका ……J. P. JI.
बेहतरीन रचना है,,,,सर
तहदिल से शुक्रिया आपका …………. जुबेर
बेहतरीन…….. कमाल की रचना……निवातिया जी….
तहदिल से शुक्रिया आपका …………. KAJALSONI.
आपकी इस रचना पर आदरणीय अरूण कान्त शुक्ला जी की प्रतिक्रिया नहीं दिखी। इस अन्तराल में शायद व्यस्त रहे होंगे। वैसे बहुत अच्छी रचना है। अच्छे कटाक्ष किए हैं। पढने वाले को अन्त तक तो लगने ही लग जाता है कि किस पर कटाक्ष कर रहे हैं। अति सुन्दर।
रचना पर अपने अमूल्य विचार प्रकट कर खूबसूरत प्रतिक्रिया के साथ उत्साह बढ़ाने के लिए आप का ह्रदय से शुक्रिया ……राम गोपाल सांकला जी ………….!!
शुक्ला जी की प्रतिक्रिया प्रतीक्षारत है उनसे भी आग्रह किया है कि अपने अमूल्य विचारो से हमे अनुग्रहित करेंगे तो अति प्रसन्नता होगी !!