POEM NO. 11————–आज उदास हु में———————आज मन्न उदास हे पता नही क्यों ये मन्न उदास हेक्या में दोसी हु जो में उनकी केयर करता हुया वो दोसी हे जो हमें अपना नही समझतेदिल दुखता हे जब उनकी हर एक बात याद आती हेअच्छे से अच्छा लम्हा भी फिखा लगने लगता हेजब वो उस लम्हे में साथ नही होतेपर कुछ बाते होती हे जोवो हमें या हम उन्हें समझा ना पाएदोस्तों जब भी किसी को अपना बनाओ 100% लगा देना अपनाफिर भी वो अपने ना हुए तो भगवान को ये तो कहेगे कीगलत हम नही वो थेआपका शुभचिंतकलेखक – राठौड़ साब “वैराग्य” (Facebook,Poem Ocean,Google+,Twitter,Udaipur Talents, Jagran Junction , You tube , Sound Cloud ,hindi sahitya,Poem Network)समय -: 10:30 pmदिंनाक:-25-10-012_▂▃▅▇█▓▒░ Don’t Cry Feel More . . It’s Only RATHORE . . . ░▒▓█▇▅▃▂
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sundar bhaav….tankan galityon ko sudhaarein….
अति सुंदर……………. भाव अभिव्यक्ति के साथ लेखन को सार्थक बनाने के लिए शब्द शुद्धियो के साथ साथ रोचकता और तारम्यता का होना भी आवश्यक है ….इस और अवलोकन करे !!