नारी गुणों की खान
नारी नर की जननी, नारी गुणों की खान है
माता भार्या भगिनी दुहिता, नारी घर की शान है
नारी को देवी मान मन्दिर में बिठाकर
कर्तव्य की इतिश्री न हो पलकें बिछाकर
इस शक्ति स्वरूपा को मान देना होगा
पुरूष जगत में बराबरी का सम्मान देना होगा
किरण सुनीता कल्पना सी इच्छाएं हो स्वतंत्र
नारी उत्थान में प्रभावी होगा शिक्षा का मूलमंत्र
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रामगोपाल सांखला ‘गोपी’
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Bahut sundar ……….aapkaa shabd chayan bahut prabhaavit kartaa hai mujhe Ramgopal Ji
आपकी प्रेरणादायी प्रतिक्रियाओं से लेखन में सुधार का प्रयास करता हूं। ऐसे ही मार्गदर्शन करते रहें ‘मधुकर’ जी।
सत्य ,सटीक औऱ सुन्दर रचना गोपी जी…………..
बहुत बहुत धन्यवाद, मधु जी।
नारी शक्ति को प्रति समर्पित सुंदर भाव ………….अति सुंदर गोपी जी !
बहुत बहुत धन्यवाद, DK Niwatiya Ji
Very nice…
Thanks Annu Ji
ठीक कहा आपने गोपी जी
बहुत बहुत धन्यवाद, Kiran Ji
bahut sundar…………..
Thanks Sharma Sir.
नारी के प्रति आपका भाव एक सराहनीय कदम है | धन्यवाद
बहुत बहुत धन्यवाद, Sukh Mangal Singh Sir
सुंदर भाव विभोर करती रचना ।
बहुत बहुत धन्यवाद, बिन्देरश्वर प्रसाद शर्मा जी।