नादान परिंदे
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क्या कल के भारत की तस्वीर बनेगी, ये तो गुजरा वक़्त ही बतलायेगा पहले हमको हमारा आज दिला दो, तब कल का हिन्दोस्ताँ बन पायेगा !!
हम नादान परिंदे इस फलती बगिया केभला तुम बिन कौन हमे यहाँ बहलाएगाक़द्र नहीं करोगे आज खिलते बचपन कीकैसे फिर कोई कलि से पुष्प बन पायेगासोचो विकास, कामयाबी का यंत्र बनकरभला कैसे बचपन खुद कि पहचान बनायेगा !!
क्या कल के भारत की तस्वीर बनेगी, ये तो गुजरा वक़्त ही बतलायेगा पहले हमको हमारा आज दिला दो, तब कल का हिन्दोस्ताँ बन पायेगा !!
भूख से मरते है क्यों हम आज भीदुनिया के इस कृषि प्रधान देश मेंबीमारी लील रही निश दिन हमकोआज विज्ञान के इस बढ़ते क्षेत्र मेंकिस मुख से करते हो झूठे वादेक्या यही कल इतिहास दोहराएगा !!
क्या कल के भारत की तस्वीर बनेगी, ये तो गुजरा वक़्त ही बतलायेगा पहले हमको हमारा आज दिला दो, तब कल का हिन्दोस्ताँ बन पायेगा !!
नेता, अफसर और धर्म-संतो कादेश में रहा अब कोई ईमान नहींनिर्धन होना बना अभिशाप अबजैसे हो मवेशी वो कोई इंसान नहींकुछ तो शर्म करो हैवानियत परये राज- पाट सब धरा रहा जायेगा !!
क्या कल के भारत की तस्वीर बनेगी, ये तो गुजरा वक़्त ही बतलायेगा पहले हमको हमारा आज दिला दो, तब कल का हिन्दोस्ताँ बन पायेगा !!
खूब चली है तुम्हारी तानाशाहीमीठी मीठी मनभावन बातो सेकभी वक़्त मिले तो सुध लेनाबाल-जीवन देते आशियानों मेंजहां बाल दीप बुझते हो चिकित्सालयों मेंवो वतन क्या दुनिया में मुख दिखलायेगा !!
क्या कल के भारत की तस्वीर बनेगी, ये तो गुजरा वक़्त ही बतलायेगा पहले हमको हमारा आज दिला दो, तब कल का हिन्दोस्ताँ बन पायेगा !!
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डी के निवातिया
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इस विषय पर लिखने को तो बहुत कुछ है…………मगर थोड़ा ही लिख रहा हूँ ……वैसे भी आज के दौर में किसी पास वक़्त कहाँ है पढ़ने के लिए,,,,विशेषत: बड़ी रचनाये…….आप सब भद्रजनो का ऋणी हूँ , और धन्य समझता हूँ अपने आप को जो आप अपने अमूल्य वक़्त और विचार रचना को देते है ….जिससे मुझे अपने टूटे फूटे मनोभावों को शब्दों में जोड़ने का साहस मिलता है ….पुन: ह्रदय से आभार आपका !
कविता वाकई में अच्छी थी !!
शुक्रिया आपका ……….!
bhut hi sundar aur manviya bhavnaon se ot prot hai apki rachana nivatiya ji………khoob..
उत्साहवर्धन करती खूबसूरत प्रतिक्रिया के लिए ह्रदय से धन्यवाद एवं आभार आपका …………..MADHU JI.
आज का समाजिक परिवेश बहुत तेजी से बदलती जा रही है, जिसका मूल कारण हमारी विसंगतियों है। बहुत अच्छी कटाक्ष।
उत्साहवर्धन करती खूबसूरत प्रतिक्रिया के लिए ह्रदय से धन्यवाद एवं आभार आपका …………..BINDU JI.
Bahut Sundar rachna…par public ki bhi utni hi jimmedari hai jitni netagan ya jhuthe ya sachhe dharm guruo ki….
सत्य कहा आपने …………उत्साहवर्धन करती खूबसूरत प्रतिक्रिया के लिए ह्रदय से धन्यवाद एवं आभार आपका …………..ANU JI.
Bahut sundar aur satay vachan , sundar kavita .nivatiyan JI .aaj sab ko apne hitt ki paddi hai Desh ke bare mein sochne ki fursat chuninda logon ko hi hai .Desh Prem kahin kho sa Gaya hai
आपका विचार उत्तम है …………….उत्साहवर्धन करती खूबसूरत प्रतिक्रिया के लिए ह्रदय से धन्यवाद एवं आभार आपका …………KIRAN JI.
आप जैसे गुणीजनों की रचनाएं पढ़ने के लिए हमारे पास तो बहुत वक़्त है…हाहाहा…..बेहद उम्दा….बेहतरीन….आत्म अवलोकन और उथान की रचना….चाहे कोई किसी का स्वार्थ में प्रयोग कर रहा या हम अनुमोदन कर रहे उसका परोक्ष में अपने को उसके अनुसार ढाल कर….वास्तिवकता है की जब भौतिक विकास होता है तो नैतिक मूल्यों अवहेलना होती है और उनको नहीं संभाला जाता तो पतन होने लगता है ….. यही हो रहा है… हर कोई उसमें शामिल है…परोक्ष रूप में… चाहे वो समर्थन करता न हो…पारिवारिक…समाजिक व्यवस्था में फंस गया है…क्यूंकि हर कोई किसी न किसी रूप में अंदर से खोखला है और शान्ति कह लो या संतुष्टि कुछ भी उसको पाने को वो स्वयं पे न रह के औरों पे निर्भर है….और उसका दुरूपयोग ढोंगी संत और नेता कर रहे….
आपकी ह्रदयविशालता के कायल है हम और आभारी भी………, आप जैसे गुणीजन बहुत कम मिलते है जो गहनता से नजर कर दिल खोलकर अपने अमूल्य विचारो को साझा कर हमे अनुग्रहित करते है………….उत्साहवर्धन करती खूबसूरत प्रतिक्रिया के लिए ह्रदय से धन्यवाद एवं आभार आपका …………बब्बू जी !
सुन्दर रचना
धन्यवाद अभिषेक !
वर्तमान की सचाई को उजागर करती एक बेहतरीन कविता | पढ़कर मन प्रसन्न हो गया| साहित्य समाज का दर्पण है, को उजागर करती | आपको बहुत बहुत बधाई निवातिया जी|
यह आप जैसे गुणीजनों का सानिध्य ही है जिससे ह्रदय में उपजे भावो को वयक्त करने में सफल हो पाते है ………….….उत्साहवर्धन करती खूबसूरत प्रतिक्रिया के लिए ह्रदय से धन्यवाद एवं आभार आपका ………शुक्ला जी !
अति सुन्दर निवतिया जी….
तहदिल से शुक्रिया शिशिर जी !
अच्छी रचना
तहदिल से शुक्रिया sukhmangal जी !
अपने वर्तमान को बयान करती सुन्दर रचना।
अति सुन्दर निवातिया जी।
खूबसूरत प्रतिक्रिया के लिए धन्यवाद ………….Ram Gopal Sankhla Ji
इस अमूल्य योगदान के लिए आप सभी का पुन: धन्यवाद एवं कोटिश आभार !!
Bahut sundar rachna Nivatiyan JI
तहदिल से शुक्रिया किरण जी।
तहदिल से शुक्रिया किरण जी।