-: कुछ लम्हें –कुछ पल :-उसने धीरे से बेड से उठते हुएफुसफुसाकर कहा मेरे कान मेंक्या तुमको वो लम्हा याद है,जब हम मिले थे पहली बार अनवर चाचा की दुकान मेंतुम्हे याद है मैंने पिंक दुपट्टे के साथउस दिन वाइट सूट पहना थाऔर तुम ठीक मेरे पीछे खड़े थेतुमने एक बार कहा था,कि तुमको मेरे रेशमी बाल,उस दिन बहुत अच्छे लगे थेन जाने कैसे उस रोज कंधे से,मेरा दुपट्टा गिरने लगा थापलट कर जो देखा घबराहट से,तुमने बड़े प्यार से उसेअपने हाथों में थाम लिया थाउस एक पल ने मुझे बतायाकितनी केयर है तुम्हे दूसरों की,तुम्ही हो वो जो दिखता है,है जो तस्वीर मेरे ख्वाबों की,जैसे ही तुमने प्यार भरी पलकें उठाईऔर देखा मेरी आँखों में,झुक गयी थी मेरी पलकें, मैं शरमाईरिदम प्यार की दौड़ी मेरी सांसों में,उस पल के बाद हम रोज मिलने लगेप्यार के फूल , हमसफ़र में बदलने लगेतुम्हे याद है -जब तुमने मुझेअपनी माँ से मिलवाया था,मेरे शोर्ट कट और हेयर कट देख,तुम्हारी माँ ने एतराज जताया थाडर गयी थी, फिर तुमने आकर,अपने सीने से लगा, मुझे समझाया थामेरी माँ संस्कारी और उन्हें संस्कारी बहु की आस हैपर, मैं जनता हूँ मेरी प्रिये,तुम जीत लोगी माँ का मन, मुझे पूर्ण विश्वास हैअगली बार जब माँ ने मुझे साड़ी में देखा,मेरे लम्बे घने बालो को छुकर बार बार देखा,माँ ने तब, मेरे गालों पर चुंबन किया थातुम ही बनोगी मेरी बहु, वचन दिया था…….क्रमश: (कहानी अभी बाकि है मेरे दोस्त – लेखक – सोनू सहगम )
Оформить и получить экспресс займ на карту без отказа на любые нужды в день обращения. Взять потребительский кредит онлайн на выгодных условиях в в банке. Получить кредит наличными по паспорту, без справок и поручителей
ati sundar……………..
Dhanyvad ! Sharma G
Ati sundar Sonu……….
सुंदर प्रेम अभिव्यक्ति ………..कुछ जगह टंकण त्रुटिया बाधक है ……गौर करे !
dhanyvad ! nivatiya g…jaldbaji me truti rah gayi thi ab thik di..bahut bahut dhanyvad margdarshan ke liye…
very nice…………………
bahut bahut dhanyvad Madhu G…apna sneh Unhi banaye rakhiye…dhanyvad
बहुत सूंदर. दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें.
Dhanyvad Vijay G…apko bhi
कहि कहि त्रुटि नजर आयी शब्दो का तालमेल में बर्तनी है , कविता तो सुंदर लिखी है