-: शरद पूर्णिमा :-आज पूर्ण चन्द्रमा, सोलह कलाओं से युक्तधरती पर अपनी, अमृत बरसाने आया हैधरा के समीप होगा, दमकते चाँद काये सुंदर संजोग, शरद पूर्णिमा कहलाया हैश्री, भू, कीर्ति संपदा, हो सम्मोहन वाणीलीला, कांति, विद्या, हो सब शक्ति उतकर्षिणीनीर-क्षीर, विवेक, योग शक्ति हो कर्मण्यताविनय, सत्य – धारणा, हो अनुग्रह क्षमताकोजागरी कहूँ या कहूँ इसे पूर्णिमा रासयुग बदला, जब नन्दलाल ने रचाया महारासआओ करे तैयारी, कोजागौरी लौक्खी आगमन कीसजाऊँ थाल, कलश, कमल, धुर्वा, सिंदूर, धान कीनर- नारी की सब मनोकामना पूर्ण होगीधृत-खीर के अर्क से, किलकारियों की आस परिपूर्ण होगीदेखने- “कौ जाग्रति” खुद घर विमला आएगीसबको धन-समृद्धि से सराबोर करने इन्दुशीतला आएगी* रचनाकार – सोनू सहगम
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Sundar rachnaa ……..
Ati sundar ,,,,,,,,,,
ati sundar……….
खूबसूरत शरद पूर्णिमा स्तुति …………….अति सुंदर
Bahut sunder……………………
achhi sundar rachana apki…………