नशा तेरी मुहब्बत का मुझको हैरान करता है तेरा चेहरा मेरे ख़्वाबों में आ परेशान करता है मुद्दतें हो गईं इस बज़्म में शिरकत ना की तूने तेरा यूँ दूर रहना महफ़िल मेरी वीरान करता है तेरी खातिर ज़माने से अदावत मोल ली मैंने मुझे ही भूल कर तू कौन सा अहसान करता है तुझे मालूम है मैं तन्हा तेरी राहों को तकता हूँ मगर फिर भी ना तू पूरा मेरा अरमान करता है मधुकर ने मुहब्बत में तुझे भगवान् कर डाला शायद इसलिए ही आज तू अभिमान करता है शिशिर मधुकर
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Bahut hi sundar, Shishir ji….
Thank you so very much Anu ………
Behad khoobsoorat rachna Shishir JI
Tahe dil se shukriya Aadarneey Kiran ji ………..
बेहद उम्दा रचना शिशिर सर 💐💐
Haardik aabhaar Randeep.
Khub madhukar ji bahut khub
Aapka tahe dil se shukriya Vikaram……………..
bhut khoob shishir ji rachana apki…………
Hraday se aabhaar aapka Madhu Ji ……………………
बहुत ही बढ़िया ………………………………………. मधुकर जी !!
तहे दिल से शुक्रिया सर्वजीत…..
हिंदी काव्य आपपर गुमान करता है
कुछ नए का अक्सर अरमान करता है
Behad sunder………………….
Tahe dil se shukriya Vijay. Aapki taareef kaa kaavyaatmak andaaz man ko chootaa hai….
बहुत प्यारी सुंदर कृति मधुकर जी।
Tahe dil se shukriya Bindu Ji ……………..
बहुत खूबसूरत शिशिर जी………………!
Tahe dil se shukriya Nivatiya Ji ………………
मधुकर ने मुहब्बत में तुझे भगवान् कर डाला
शायद इसलिए ही आज तू अभिमान करता है
बहुत ही प्यारी पंक्तियां । शानदार मधुकर जी ।
Tahe dil se shukriya Ramgopal ji ……..