ये अद्भुत रंग बिरंगे धागे खींचें मुझे और लेकर भागेंहै हर रंग निराला इनका कामनाओं से भी हैं भरपूर है सतरगीं दुनिया ये सारी कभी उभारे कभी कर दे चूर उन्माद भरे कभी रंग सुन्हरा डूबे विषाद में तो समन्दर गहरा हल्के रंगों का आनंद है अपना लगे जीवन जैसे हो सपना हल्के गहरे रगों में डूबहुए हम मस्ती में चूर खीँचें हर पल मुझे ये धागे रहें ये आगे ,हम पीछे भागेंहै संसार इन्हीं की मानिन्द आनन्द हर रंग क अपना २ न आएँ पकड़ में जीवन बीते फिर भी रहें हाथ रीते के रीते अद्भुत रंगो का जाल सजाया सात रंगो का मेल करायारंगो का भरपूर आनंद उठाया पर हर रंग ने हमें भरमायाधागों का जाल हाथ न आया डूबा जो रंगों में समाया बाहर फिर वो निकल न पाया है अद्भुत मेला रंगों का यह पल पल जिसने हमें बहलाया
Оформить и получить экспресс займ на карту без отказа на любые нужды в день обращения. Взять потребительский кредит онлайн на выгодных условиях в в банке. Получить кредит наличными по паспорту, без справок и поручителей
सात रंगों का संसार बना, पाँच तत्व शरीर
बडबोले बिन्दु कहे, बात ये बड़ी गम्भीर।
Sharma JI bahut theek kaha apne
ज़िन्दगी की उधेड़बुन को आपने रंगों का बेहद खूसबूरत जामा पहना दिया है…..अति सुन्दर………
बब्बू जी सराहना के लिए आभारी हूँ ,बहुत २ धन्यावाद, शायद रंगों की उधेड़ बुन में जीवन निकल जाता है
bahut sundar rachna, Kiran ji…
अनु जी बहुत २धन्यावाद
बहुत उम्दा 💐💐
रनदीप जी बहुत २ धन्यावाद
Ant me rachnaa bahut gahree baat badee sarkaar se kah jaati hai. Ati sundar Kiran ji ……..
शिशिर जी सराहना के लिए आभारी हुँ बहुत २ धन्यावाद
जीवन के अनुभवों को रचनात्मकता प्रदान करने की अनूठी कला है आप में…………..नव पीढ़ी के लिए प्रेरणा का काम करने वाली है यदि कोई सीखना चाहे तो …………….बहुत खूबसूरत किरण जी !
कुछ रहसनाये आपके अनमोल वचनो की अभिलाषी प्रतीक्षारत है ..समय निकालकर नजर करे !
निवातियॉ जी , मेरी कविता के शब्दों ने आपके मन को छुआ जान कर प्रसन्नता हुई , मगर हिन्दी भाषा में मुझे आप लोगों जैसा महारथ हाँसिल नहीं है इस लिए आम बोल चाल की भाषा में ही कुछ कहने की कोशिश करती हूँ , सराहना के लिए आभारी हूँ
Bahut hi Sunder chitran Kiya Hai apne Kiran Ji .
राजीव जी सराहना के लिए बहुत २ धन्यावाद
Kiran ji , bahut kamaal ka likhati hain aap.
Meena JI Jaan kar aachha laga ki aapko meri kavita aachhi lagi ,bahut 2 dhanyawad