सवाल क्यों हैं ?———————————–मेरी जिंदगी की सहर सेआपको मलाल क्यों हैं ? लबो पे तेरी हँसी झलक रही हैपर आँखों में गुमनाम सा सवाल क्यों हैं ? हर वक़्त सोचता हूँ कि दूर जाऊ आपसेआपकी याद आते ही मैं कहाँ को निकल जाता हूँ ताकि भूल जाऊ आपकोइतनी नफ़रत होते हुए भी मेरे दिल मेंआपके लिए सम्मान क्यों हैं ? आपके होठों में झलक रही है हँसीपर आँखों में गुमनाम सा सवाल क्यों हैं ? हर एक गम-ए-दास्ता को भूले क्यों नही “जुबेर”वो आँधी आए तो बरसों हो गएमगर तेरे लिए फ़िलहाल क्यों हैं ? आपके लबो पे झलक रही है हँसीपर आँखों में गुमनाम सा सवाल क्यों हैं ? खूब अदा की आपकी ख़ुशीयों के हर्ष-गम कोखूब ख़ुशीयाँ बरसाई सबके निगाह ने फुलते आलम से देखा कि काँच में गुलाब क्यों हैं ?इन गुलाब की खुशबू मदहोश सा नशा क्यों हैं ? सबने कहा कि रंगीन है ये दुनियापर मेरी निगाह ने देखा की फिका सा गुलाब क्यों हैं? लबो पे हँसी झलक रही हैपर आँखों में सवाल क्यों हैं ?✍✍✍मु. जुबेर हुसैन
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khoobsoorat andaaz………………..
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very nice juber…………………
बहुत बहुत आभार आदरणीया,,,
good…
Thanks….