सिर के उपर कोई हवाई जहाज गुजरता हैतो तुम याद आते हो,जब कभी मुंह में खुजली होती हैतब तुम याद आते हो।जहां कहीं भी जन सैलाब दिखाई देता हैतब हाथ फैलाए,तुम याद आते हो,तुम्हारी याद खूब सताती है,जब कभी देखता हूं किसी को माईक पकड़ेकह रहा होता है….।न जानें क्यों तुम्हारी याद आती है,जब कभी कोई आईजीआई की ओर भाग रहा होता है,तुम्हारी तो याद तब भी आती है,जब चुडीदार पाजामा,रंगबिरंगी कुर्ता पहन पग बांधेमुसकी मार रही होता है।कभी कभी सोचकर हैरान होताकि तुम रात में सोते भी हो या नहीं,कहीं रात बिरात उठ कर,माईक तो नहीं पकड़ने लगते हो।
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आपकी रचना रहस्यमय है………..आखिरी जिसकी याद आती है वह कौन है उसका प्रत्यक्ष – अप्रत्यक्ष रूप मे प्रगट होता तो रचना औऱ भी खूबसूरत होती…….
सही कहा मधूजी आपणे, लेकिन रचना बेहतरीन है
बस बता दिजिये यात कोण आता है
shukriya Madhu ji aur Shashi ji. jiski yaad aati hai vi jag jahir hai,name me kya rakha hai. ishara samjha jaaye.
ati sundar………..
Bahut sunder……………………
Ati sundar Kaushlendra Ji लेकिन ये याद कौन आता है 🤔🤔🤔🤔
Sundar