गुस्सा क्यों आ रही अब नाक पर तीन तालाक को रख दो ताक पर। फैसला के पहले मैंने यह कह दियामुस्लिम महिलाओं का मैंने सह दिया। जूल्म शितम अब सहने नहीं देंगे अत्याचार को अब रहने नहीं देंगे। धर्म नहीं कहता कि आप हैवान बनो इन्सान हो आप सिर्फ इन्सान बनो।
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muslim samaaj me jaagrati aanaa ek achcha sanket hai
आपने सराहा बहुत खुशी हुई धन्यवाद
बहुत सुन्दर लिखा आपने ……………..
तहे दिल सुक्रिया मधु जी
Very nice…
नाम गलत लिखने की क्षमा और निरन्तर प्रतिक्रिया के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।
बढ़िया रचना
बहुत बहुत धन्यवाद शशिकांत जी।
Truly said………………..very nice ………..!
बहुत बहुत ढेर सारा प्यार भरा सुक्रिया
Very true……….very nice.
विजय जी आपका बहुत बहुत शुक्रिया।
Very nice ……………,
मीना जी बहुत बहुत शुक्रिया
staya kathan……………..
तहे दिल ढेर सारा प्यार भरा सुक्रिया।
बहुत ही सुंदर……..!!
काजल जी आपका बहुत बहुत शुक्रिया।