चलो आज प्रण हम दुबारा करें…पड़े भीड़ जब भी देश अपने पे…हर क़तरा खून का उसपे वारा करें….चलो आज प्रण हम दुबारा करें…हर तरफ हो आलम सुख चैन का…देश की राहों में मजिंल निहारा करें…कौन नीचे और ऊपर हमारे है कौन…देश खातिर हम हरेक का सहारा बनें….है मुश्किल सफर थोड़ा तो चिंता न कर…वीर जवानों सी मुश्किल तो राहें नहीं…सरहदों पर खड़े जो हम सब के लिए….उनकी वर्दी पे आज एक सितारा जड़ें…मातर्भूमि है अपनी आन और बान…ये तिरंगा हमारी सब की है पहचान….इस तिरंगे को हिमालय से ऊंचा करें…आओ मिल करके जनगण उद्घोष करें….तू बने मेरी ताकत मैं तेरा अभिमान…हिन्दू, सिख, ईसाई या हो मुसलमान…देश धरम ही है ऊंचा हरेक धर्म से…प्रेम से दिल सब का ‘चन्दर’ जीता करें…चलो आज प्रण हम दुबारा करें…\/सी.एम्. शर्मा (बब्बू)(साइट की प्रॉब्लम की वजह से डिलीट हो गयी यह रचना मेरी…फिर से पोस्ट की है…)
Оформить и получить экспресс займ на карту без отказа на любые нужды в день обращения. Взять потребительский кредит онлайн на выгодных условиях в в банке. Получить кредит наличными по паспорту, без справок и поручителей
Ati uttam ………..Pahle bhi padh chuke the haalaanki …………
तहदिल आभार आपका…..Madhukarji….
Bahut sundar…
तहदिल आभार आपका……Anuji…..
बहुत ख़ूब कहा आपने , ,,,,,,,
तहदिल आभार आपका…….Kiranji….
Behad khubsurat ………………..,
तहदिल आभार आपका…..Meenaji….
बहुत ही खूबसूरत……….. लाजवाब रचना…… शर्मा जी….
तहदिल आभार आपका……Kajalji….
satypath ko pardrashit karti khubsurat desh bhakti prerk rachna ………!
तहदिल आभार आपका……Nivatiyaji…..