मेरे गीतों का परिचयबहते आँसू देते हैंपलकों को उपहार स्वयंसहमे आँसू देते हैं गीले गीले मोती दुख केपीड़ा की जब माला बनतेगीतों में गूंथने के पहलेपल में बनते, पल में मिटते मेरे गीतों की रचनादुख के आँसू करते हैंमेरे गीतों का परिचयबहते आँसू देते हैं वसंत बहार की डाली सेमुरझाये फूलों को चुननाऔ प्रकाश फैलाने जग मेंबाती-सा है मुझको जलना प्राणों को जीवन-रस बसनीरस आँसू देते हैंमेरे गीतों का परिचयबहते आँसू देते हैं आशा थकी-थकी सी अब तोबनी मीत अंतिम है शायदखोल द्वार जो टेर रही हैवह प्रतिक्षा अंतिम है शायद अब गीतों को मूक बिदाप्यासे आँसू देते हैंमेरे गीतों का परिचयगीले आँसू देते हैं—- ——- —- भूपेंद्र कुमार दवे00000
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सुंदर रचना प्यारी भावविभोर करती रचना
अपने हमारी कविता को सुन्दर शब्दों में सराहा। मैं आपका अभारी हूं।
बहुत ही खूबसूरत………
बहुत खूब और दर्द समेटे……..
bahut khoobsoorat…………………
Bahut sunder……….
bhut acchi rachna hai.
Very nice Bhupendra JI