जदयू-राजद के बेमेल शादी का
अन्जाम यही तो होना था
जदयू-राजद गठबंधन का
यू तार-तार तो होना था
छोड़ भाजपा का साथ जदयू
राजद का दामन थामा था
सोचा बहार लायेंगे प्रान्त में
पर यू बीच मझधार नाव बदलना था
पुत्रमोह में राजद फंसा था
छवि मोह में जदयू
पुत्र मोह में त्याग न पाया कुछ
छवि मोह में त्याग दिया तब सब कुछ
तकरार यू बढ़ गई थी दोनों में
संतानों की उन्नति पे
तलाक हुआ फिर दोनों में
कांग्रेस मौन देखे ये सब कुछ
पंडित बन शादी रचवाई
कांग्रेस ने जिस-जिसकी
उनकी खटिया खड़ी हो गई
पूरी हनीमून भी न हुयी
samsamyik khoobsurat rachana hai….. bdhiya……
thanks madhuji…..
achha kataaksh………..
thanks……
Sundar kataksh…
thanks nivatiya ji…
बहुत सूंदर रचना.
मेरी रचना “भिखारी” और “पूनम का चाँद” पढ़ें और अपनी बहुमूल्य प्रतिक्रिया दें.
thanks vijay ji…