भूख की आग से तेज़ होती है जंगल की आग भूख की आग ज़िन्दगी जलाती है और जंगल की आग सभ्यता को।
लड़की बनाती है घरौंदा रेत का समुंदर के किनारे बुनती है सपने सपने सुनहरे भविष्य के घरौंदे के साथ चाहती है समेटना रेत को अपनी मुठ्ठियों में बांधती है …
वह औरत कपड़ों का गठ्ठा लिए रिक्शे में घूमती है शहर के गली मोहल्ले में देती है दस्तक घरों के दरवाज़े पर मना करने के बावजूद दिखाती है गठरी …