फुटकर शे’र विनय कुमार 29/03/2012 दत्तात्रिय कैफ़ी No Comments 1. है मेरे दिल में वोह आहें कि जो बिजली न बनी। मेरी आँखों में वोह क़तरा है जो तूफ़ाँ न हुआ॥ 2. ग़म रहा उनका जो दोज़ख़ में … [Continue Reading...]