गीतों में मेरे डूबो तो साक्षी प्रजापति 18/02/2012 आनंद तिवारी No Comments मेरे अंतस में मत झाँको आँख तुम्हारी नम होगी गीतों में मेरे डूबो तो पीड़ाएँ कुछ कम होंगी । जीवन तो मृगतृष्णाओं के जंगल जैसा है जैसा तुमने सोचा … [Continue Reading...]
खूँटियों पर टँगे हैं लोग साक्षी प्रजापति 18/02/2012 आनंद तिवारी No Comments नेकी बदी की गठरी बाँधे खूँटी-खूँटी टँगे हैं लोग किसे क्या बताएँ सब अपने रंगों में ही रंगे हैं लोग । दुनिया लगती है बेमानी आसमान झूठा लगता है … [Continue Reading...]