मुस्कुराहट…Raquim Ali raquimali 13/06/2017 अज्ञात कवि 10 Comments मुस्कुराहट 1. अपनों की: देखीं, ख़ुशी की कभी शरारत की मुस्कुराहटें। ममता भरी जो मुस्कराहटें थीं अभी याद हैं। डांट से युक्त वालिद की मुस्कानें लाज़वाब थीं। ………………………. 2. … [Continue Reading...]