चहूँ ओर गुलाल बिखरे…सी.एम.शर्मा(बब्बू) C.M. Sharma 02/03/2018 सी. एम. शर्मा 1 Comment पावन धरती हो अपनी पावन हों सब के मन सब ही झूमें नाचें गाएं भूलें तन ओ मन प्रेमभरी पिचकारी हो मन महका गुलाब हो चहूँ ओर गुलाल बिखरे … [Continue Reading...]
भोले भण्डारी — डी के निवातिया डी. के. निवातिया 12/07/2017 धर्मेन्द्र कुमार निवातियाँ 18 Comments आ जायेंगे भोले भण्डारी हे नाथ हमारे दर्शन दे काज सँवारे तुम ही खिवैया जीवन की नैया के आकर पार उतारे तन मन सब अर्पण हम खुद को तुमपे … [Continue Reading...]