Author: Rituraj191
कैसे मैं इस दर्द में हूँ माँ, जहाँ कैसे इस सर्द में हूँ माँ, साथी नहीं ना संगी कोई, दुआएं तेरी बस संग हैं अब माँ, ख्वाब नहीं देखा …
वक्त वहीं है आज भी ठहरा हुआ, जहाँ तुम कभी मुझको छोड़ आए थे, तोड़ कसमों वादों की हर डोर को, बंदिशें जैसे सारी तुम तोड़ आए थे, रोकते …
कुछ नया करते हैं, मिल ही जाएंगी राहें, क्यों यूँ ही बेवजह डरते हैं, एक कदम ही सही, कुछ तो आगे बढते हैं, चलो कुछ नया करते हैं, कुछ …
जाने कैसी ये रात आई है, जैसे सदियों बिछड़ने के बाद, कोइ प्यारी मुलाकात आई है, कुछ ख्वाब लाई है, कुछ अश्क लाई है, लगता है तारों कि शक्ल …
अधूरे इश्क का फसाना है, मुश्किल सा लगता है जिसको, चंद लफ्जों में बयाँ कर पाना है, कुछ यादें नई पुरानी है, जो अब तक याद जुबानी है, प्यार …