Author: Kuldeep Vashistha
अपनो ने ही दी खुशी अपनो ने ही दिया गम फिर अपनो ने ही बहुत रुलाया खैर उनकी भी क्या गलती थी इसमें दुनिया का जो उसूल है, उन्होनें …
हमने जिनको चाहा, वो ही बेवफा हो गए जिनके साथ जिन्दगी गुजारी, वो ही दगा दे गए उनके पीछे संजोए थे ढेरों सपने क्या पता था यूँ तोड जाऐंगे …
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय जो भजे इस नाम को भवसागर से तर जाए याद किया द्रौपदी ने भरी सभा में लाज बच गई पुकारा गज ने बीच सरोवर आफत …
वक्त की ताकत को पहचानो वक्त की हिम्मत को जानो जो ना चला वक्त के साथ वक्त ने दी उसको मात ऐसी है वक्त की बयार वक्त ही बुलन्दी …
मान जा पाकिस्तान मान जा वरना अंजाम तेरा बुरा होगा मिट्टी में मिला देंगे तुझे वचन ये मेरा पूरा होगा I कर दे आंतकवाद बंद अभी भी …
जय माँ, जय माँ सरस्वती दे हमें विधा का ज्ञान बना हमें इतना महान कर सकें हम विश्व कल्याण फिर गर्व से कहें मेरा भारत महान, मेरा भारत महान …
शिक्षा एक अनमोल रत्न है गली-गली लगाओ नारा एक साथ सब मिल–झुलकर बोलो शिक्षा का जयकारा शिक्षा ही महान बनाती शिक्षा ही जीना सिखाती बिन शिक्षा पशु है मानव …
बेटी बचाओ, बेटी बचाओ समाज में जागृति लाओ बेटी का होना शुभ मानो खुशी मनाओ, खुशी मनाओ करो बेटी के लिए फरियाद उसी से होता हर रिश्ता आबाद बेटी …
जल ही जीवन का आधार है जल ही प्रकृति का सार है बिन जल ये समस्त चराचर कल्पना से बाहर है जल ही तो धरती की शान है जल …
अ मेरे वतन, अ मेरे वतन देते हैं हम तुझे वचन करेंगे रक्षा तेरी सिर पर बांधकर हम कफन तु आबाद रहे, आजाद रहे कर ऐसा जतन अ मेरे …