Author: Dr Chhote Lal Singh
आल्हा (वीर छंद) वीर वंश के हम बलिदानी,कभी न माने अपनी हार सरहद के हम सदा पुजारी, सरहद ही मेरा संसार आन मान पर मिटने वाले,हम हैं बागी वीर …
आल्हा (वीर छन्द) अस्सी घाट बनारस जन्मी, मणिकर्णिका रखा ये नाम अमर हुई इतिहास बनाकर,सारे जग को दी पैगाम माँ की मृत्यु हुई बचपन में, पिता के साथ गयी …
संविधान निर्माता जय हे ! संविधान निर्माता जय हे ! संविधान निर्माता जग जीवन के हो सुख दाता रत्न अमूल्य हो सकल धरा के तुमसे ही ये गुलशन महके …
*कुण्डलिया* भोजन हो नित खीर का, ऐसी है तकदीर जिस घर मे दाने नहीं, कौन समझता पीर कौन समझता पीर, नीर नैनो से बहता ठोकर खाता घोर, निबल दुख …
पत्ते के दोने पर सहसा नजर पड़ी नगर के चौक पर आवाक मन की पीड़ा बार बार कुरेद रही अंतर्मन झुलस गया रूह काँप गयी यह क्या देख रहा …
संसार की अचिरता पिता की अंगुलियां नादान शिशु के डगमग पाँव अबोध मन की आशा शनैः शनैः जीवन पथ पर अग्रसर नव चिराग की हसरत उमंग तरंग में रोशनी …
तरही ग़ज़ल 22 22 22 22 दिल पे जितनी बार करोगे जीना तुम दुस्वार करोगे छोड़ सराफत भाईचारा आखिर क्यों तकरार करोगे मजहब के चश्मे के पीछे बारूदी बौछार …
नवरात्रि में नौ देवी का ध्यान करना सीखें ममतामयी का मन से गुणगान करना सीखें सदा ममत्व हित में नित कर्म करती माता बचपन से मनुजता का व्रत धर्म …
श्रद्धा से नमन होगा श्राद्ध ये सफल होगा अपनी मर्जी के मालिक सब यहाँ दिखते हैं बडो के प्रति बड़प्पन वाले कहाँ मिलते हैं !! दम्भ का दमन होगा …
*औकात बता दो* दुश्मन के सीने चढ़कर औकात बता दो सारी! हद पार कर दिया दम्भी आ गयी मौत की बारी !! लहू का घूंट पीकर रह सकते कैसे …
महँगाई दोहा औऱ चौपाई दोहा — हाथ जोड़ विनती करूँ करो कृपा महराज !! आज इस महँगाई में राखो मेरी लाज !! चौपाई— जब जब बढ़न लगे महँगाई तब …
जूझती जिन्दगी ************* हार गयी हिम्मत इंसानियत के नाम से जूझती जिंदगी महफूज़ नहीँ बेलगाम से खून मैला है मैले आदमी की डरती मानवता हर शैतान से दुश्वारियों के …
अफ़साना ******** अपनों का साथ भी अनजाना हो गया आज यहाँ हर शक्स बेगाना हो गया किसके भरोसे पर ईमान की दौलत छोड़े बदनीयत आज ये ज़माना हो गया …
अबकी सावन में झलुवा झुलाईदा पिया बनारस घुमाईदा पिया ना संकट मोचन देखावा मानस मंदिर घुमावा बात माना मोर जिया बहलाईदा पिया बनारस घुमाईदा पिया ना सारनाथ हम जइबै …
जीने की राह पर निकल गया तो अब जाने दो घड़ी मौत की आ रही करीब तो आने दो . परवाह उसे क्या कांटों पर जिसका जीवन है मुश्किलें …
ना हिंदू से जियो ना मुसलमान से जियो गर जियो तो अपने सम्मान से जियो. तेरे लहू में कोई भेद नहीं भाई बस विचारों में होती लड़ाई हो सके …
एक अबोध मन ये क्या कर रहा अपने नाजुक हाथों से सबका पेट भर रहा मजबूरी इतनी कि बाल कृषक बनना पड़ा हर खुशी परिवार को मिले ऐसे तनकर …
कितना ये आदमी मतभेद करता जिसमें खाता उसी में छेद करता. नभ में उड़ता जमी पर पाँव ही नहीँ कहीं ईमान दिखता ऐसा कोई ठाव ही नहीं डाह इतना …
जिन्दगी अधूरी है ************** बाप देखो बुढ़े हैं माँ भी देखो बूढ़ी है सेवा सत्कार बिना जिंदगी अधूरी है । वक्त की दुहाई देता कारवां ये जा रहा जिसको …
जिगर का टूकड़ा ———————– एक जिगर का टूकड़ा मेरा जा रहा मुख मोड़कर . माँ को अपने छोड़कर माँ को अपने छोड़कर आँसुओं का जलजला तन मन में मेरे …
पर्यावरण दिवस पर विशेष ********************* मरुस्थल हँस रहा हरियाली पर कौवे की नज़र है हर डाली पर एक अदना सा तरु कोंपलो में सजधज कर बाग रोशन करे कलियों …
तेरा फिक्र करेगा कौन ? ये दुनियाँ मौन ! सब आपने धुन में मस्त लिप्सा में लीन हैं व्यस्त अब आह सुनेगा कौन ? ये दुनियाँ मौन ! कोई …
ठेले पर ठेलती है जिंदगी हँसती मुस्कराती ढकेलती है जिन्दगी . कदर उनकी कौन समझता है यहाँ पेट पर सब पाँव रखता है यहाँ . हर तरफ़ से मार …
साथ कटोरा लेकर दौड़ा चौराहे का वीर देखो कितना है रणधीर देखो खुलेआम हाथ फैलाता राह में जो कोई दिख जाता खन खन झन झन आवाजों में बनती हुई …