About The Author
शशिकांत शांडिले का जन्म ०७ अप्रैल, १९८६ को नागपुर (महाराष्ट्र) के निकट गाँव टाकली भंसाली स्थित मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ।
शशिकांत के पिता पुरुषोत्तम शांडिले शिक्षक थे व इनकी माता लक्ष्मीबाई गृहिणी थी।
शशिकांत के युवावस्था में ही इनके माता-पिता का देहांत हो गया। इनका जीवन साधारणतः संघर्षमय रहा।
शशिकांत मराठी वांग्मय से स्नातक की पढ़ाई पूरी कर चुके है तथा वे एक निजी कार्यालय में कार्यरत है।
शशिकांत को प्राप्त पुरस्कार : वर्ष २०१६ का पारस काव्य, कला, जनजागृती संस्था, सानपाडा, मुंबई द्वारा राज्यस्तरीय "काव्यरत्न" पुरस्कार -२०१६।
प्रेम, रिश्ते तथा इंसानियत के प्रति संवेदनशीलता इनके द्वारा लिखी कविताओं में महसूस होती है, जीवन के कुछ वर्ष अकेले रहने के कारण उनकी कविताओं में दर्द और निराशा दिखाई पड़ती है!
प्रेम, विरह, गरीबी, देशप्रेम, राजकारण जैसे विविध विषयों पर इनके द्वारा कवितायें लिखी गई है! इनका अबतक कोई कवितासंग्रह प्रकाशित नहीं है परंतु मराठी साझा कवितासंग्रहों एव मासिकों में इनकी कुछ कवितायें प्रकाशित है.
साहित्यिक सफर में डॉ. मोबेन खान, श्रीमान अनुज तिवारी जैसे साहित्यकारों के संपर्क से इनके हिंदी रचनाओं को हिंदी साहित्यिक मंच मिला। डॉ. मोबेनजी खान, श्रीमान अनुजजी तिवारी द्वारा संपादित "नया युग, नई सोच" नामक साजा हिंदी कवितासंग्रह में शशिकांत की भी विविध विषयोंपर रचनायें शामिल है!
जिंदगी का सफर साहित्यिक राह पर चल रहा है।
धन्यवाद !
Bahut sundar…
बहुत बहुत आभार आपका ..
bhut khoob likha apne…………
……..
हृदयी आभार आपका ..
Sundar
हृदयी आभार आपका …….
अति सुंदर शशिकांत ……….घटनाक्रम के माध्यम से इंसानी फिररत की दर्शाने का अच्छा प्रयास…….वास्तिवता में जो आप कहना चाह रहे है वो पूर्ण उभर कर नही आया ….और बेहतर आप कर सकते थे।
जी आपका सुझाव मंजूर है
जरूर बदलाव करूँगा
धन्यवाद आपका
अति सुन्दर कटाक्ष…..पर जो निवतियाजी ने कहा उनसे शतप्रतिशत सहमत हूँ…..
जी यक़ीनन
धन्यवाद आपका
बहुत सुंदर रचना.
मेरी रचनाएँ “भिखारी” और “पूनम का चाँद” भी नजर करें और अपनी बहुमूल्य प्रतिक्रिया दें.
जी जरूर
हृदयी आभार आपका …….
अति सुन्दर मार्मिक भावों को व्यक्त करती रचना
धन्यवाद आपका सर्वेशजी ..