माँ का दिल ममता का सागर, संतति पर प्रेम लुटाती है
बन कर बादल रिमझिम रिमझिम, नेह सदा बरसाती है
स्वारथ की इस दुनिया मे, निःस्वारथ अलख जगाती है
सोती खुद गीले बिस्तर मे,सुखे मे शिशु को सुलाती है
तैयार रहे दुख भी सहने को,संतान का सुख ही मनाती है
कैसा भी हो रूप पुत का, सुन्दर ही उसे बताती है
गुण बखान करे बच्चे की,दोषों को सदा छिपाती है
मांग लो माफी सच्चे दिल से,दिये दुख भूल जाती है
वंदन है हर माता को ही, कोमल ही कही जाती है
संतान विपत्ति करने दूर, दुर्गा शक्ति बन आती है
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मधु तिवारी
माँ का दिल ममता का सागर
very nice
thanks ali ji………………….
Bahut hi sundar likha hai aapne…
thanks anu ji…………………….
Atyant khoobsoorat rachnaa Madhu ji. Mart shakti ko Pranaam.
thanks shishir ji…………………….
Maa ke swaroop ko chitrit karti khubsurat rachnaa ……ati sundar MADHU Ji.
thanks nivatiya ji……………………
बहुत सुन्दर भावों में रचित रचना………………
मझे निम्न पंक्ति में थोड़ी आपत्ति है अगर आप सुधर करें तो बेहतर रचना होगी…….
“गुण बखान करे बच्चे की,दोषों को सदा छिपाती है”
गुण बखान करना तो उचित है किन्तु दोषों को सदा छिपाना उचित नहीं है. दोष छिपाने से बच्चे रह भटक जाते हैं और मैं उन्हें माँ का सही रूप नहीं समझ सकता. माँ का सही रूप बच्चे के दोषों को बताकर उसे दूर करना होता है. आप स्वयं योग्य हैं आवश्यक नहीं की मेरे विचार सबके लिए उचित हों.
धन्यवाद विजय जी……आपका आक्षेप सही है बच्चे का दोष दूर करना चाहिए औऱ वह करती है पर सबसे सामने नहीं करती,उसे अकेले मे समझाती है ताकि वह सबसे सामने शर्मिंदा न हो। मां बच्चे की खूबियों को सबसे सामने कहती है। इसीलिये मैंने छिपाती है कहा है परंतु इसमे सुधार अवश्य करूगी विजय जी……समालोचना हेतु बहुत बहुत शुक्रिया आपका…..
vijay ji mai us pankti ko sundar di hu is ru me…. ‘दोषों को दूर कराती है ‘पोस्ट मे नई सुधारी हू,मूल रचना मे सुधार दी हूं। ध्यान मे लाने हेतु पुनः शुक्रिया आपका ।
Maa ke uper jitni bhi likhi jai bahut kam hai …….kyon ki pura sansar ka barnan rachna mein ki ja sakti hai par maa ke liye sab kam hai….. bahut sunder bhavo se sajai hui rachna sarahniye hai………
sahi kaha apne ma visay par sampnn rachana koi nahi kr sakta .kuchh panktiyo me maene bs ma srddha pragat ki hai
bhut bhut dhnyawad apka sharma ji…
विजय जी उस पंक्ति को बदलकर ‘दोषों को दूर कराती है।’ कर दी हूं ।पर फिर से पोस्ट नहीं कर रही हूं।उस पंक्ति को इस रूप मे पढ़े तो बड़ी कृपा होगी आप सभी गुणी जनों की।
Bahut sundar rachna Madhu ji .
thanks meena ji…………………..
sundar ……… bahut sunder rachna hain aap ki
thanks arun ji…………………..
Behad umda…..Naman har Maa Ko…..meri rachna bhi maa ke oopar najar kariyeaga…
bhut bhut dhnyawad sir…………….. kafi dino bad site pe aai hu sir .apki rachana jrur padhugi mai. aap logo ki rachanaye prerna dayak hoti hai.
Behad umda…..atyant khubsurat
thanks mnoj ji…………………….