Homeज़ौक़कितने मुफ़लिस हो गए कितने तवंगर हो गए कितने मुफ़लिस हो गए कितने तवंगर हो गए विनय कुमार ज़ौक़ 24/03/2012 No Comments कितने मुफ़लिस हो गए कितने तवंगर हो गए ख़ाक़ में जब मिल गए दोनों बराबर हो गए Tweet Pin It Related Posts निगाह का वार था जान के जी में सदा जीने का ही अरमाँ रहा लायी हयात, आये, क़ज़ा ले चली, चले About The Author विनय कुमार Leave a Reply Cancel reply