जीवन का आधार है बेटी
सुख शक्ति संसार है बेटी
बदल देती जो दुनिया को
ऐसा एक बदलाव है बेटी
अत्याचार करो नही इनपे
दुर्गा की अवतार है बेटी
बोझ नही समझों ना इनको
दर्पण सी नाजुक है बेटी
है बिटिया भविष्य हमारा
घर आँगन इज्जत है बेटी
दहेज हत्या दूर करो सब
आँखों की ज्योति है बेटी
करो जागरूक मन सब अपने
बेटो की माँ भी है बेटी
ज्ञान और आंचल की छाह
सपनो की रानी है बेटी
सभ्यता संस्कृति और विरासत
धर्म समाज की शिला है बेटी
बंद रखोगे कब तक इनको
शिक्षा की हक़दार है बेटी
रखो सुरक्षित बेटी को
बेटा भी जनती है बेटी
“मनोज कुमार”
Marvellous write Manoj.
Thanks a lot Shishir ji
बेटी को समर्पित बहुत खूबसूरत और सही…….
..
बब्बू जी तहेदिल से शुक्रिया
बेटी के लिए बहुत खुबसूरत रचना……… लाजवाब……. काश हर कोई ऐसा ही सोचे…… ।
रचना नजर करने के लिए हार्दिक आभार काजल जी
बेटी के प्रति खूबसूरत एव सकारत्मक सोच को प्रदर्शित करती बेहतरीन रचना ………..इसी विषय पर मेरी रचना, ‘बेटी’ व “आखिर वो कौन है ……….??? (बेटी)” नजर करे !!
सराहनीय प्रतिक्रिया के लिए बहुत बहुत आभार निवातियाँ जी
मैने आपकी रचना भी पढ़ी आपकी रचना भी बहुत बहुत सुन्दर और खूबसूरत है