रात के घने अँधेरे को दूर करे जो
वो पहली किरण हो तुम
जंगल की सुंदरता बढ़ाये जो
वो मचलती हिरन हो तुम
भटके माझी को नदी में मिल जाये जो
वो किनारा हो तुम
डूबते को तिनके का
सहारा हो तुम
रब से की गयी
एक दुआ हो तुम
मरते को जीवन दे
वो दवा हो तुम
ईश्वर से की गयी
एक बंदगी हो तुम
अब तुम्हारे हवाले ही हूँ
मेरी ज़िन्दगी हो तुम
अब तुम्हारे हवाले ही हूँ
मेरी ज़िन्दगी हो तुम
Nice write…………….