दिलबर, हमदम, हमनशी,
मेरी प्रियतमा हो तुम ।
बिखेर देते जो नब्ज मेरे,
मोहब्बत की अनोखी अदा हो तुम ।
बेशक तुमसे जी रहा हूं मैं ,
ए नाजनीन मैं तुझपे हूं कायल,
तेरी सुलझी जुल्फों में उलझा,
नफरतों का जहर भी पी रहा हूँ मैं।
मदहोश करती हर अदा तुम्हारी,
दर्द देती हुई , दिल की एक सजा हो तुम,
बड़े नशीबो से मिली हो तुम ,
एक रौशनी, वो प्रियतमा हो तुम ।।
“काजल सोनी “
Wah bahut khub…………………
उतसाह वर्धन प्रतिक्रिया के लिए बहुत बहुत धन्यवाद आपका मनी जी ।
बेहद उम्दा ……………….!!
कोटी आभार आपका निवातिया जी ।
बेहतरीन…………………………..”कविजन भाग-3″ पढ़िए और अपनी बहुमूल्य प्रतिक्रिया दीजिये. आपके इंतज़ार में बात जोह रही है.
विजय जी आपने जब कविजन 1 व2 की रचना की
थी तभी से मै उत्साहित थी कि मेरी बारी कब आयेगी,
आयेगी भी या नहीं ।
जब आपने कविजन 3 में मुझे भी कुछ शब्द दिये
तो सचमुच मैं फुले नहीं समा रही थी ।
मैने आपको अपनी बहुत लम्बी प्रतिक्रिया भी बार बार भेजी पर मेरे मोबाइल में कुछ प्रॉब्लम की वजह से न जा पाया।
मैने आपको email भी भेजे पर वो भी न जा पाया।
आज प्रतिक्रिया भेज पायी मैं आपको ।
आपका बहुत बहुत धन्यवाद ।
कविजन 3 की प्रतिक्रिया भी भेज रही मै आपको।
Very very nice… kajal ji
स्वाति जी बहुत बहुत धन्यवाद आपका।
प्रियतमा (प्रेम) की ताकत कितनी विशाल होती है काजल जी आपने बड़ी ही ख़ूबसूरती से बता दिया. आप कई दिनों बाद प्रकट हुई है आशा है सब कुशल मंगल है. मेरी पिछली कुछ रचनाओं पर भी आपकी प्रतिक्रियाओं की मुझे प्रतीक्षा रहेगी.
रचना की सराहना हेतु बहुत बहुत धन्यवाद आपका मधुकर जी।
मधुकर जी मै कही नहीं गयी मैं निरंतर आपकी रचना पढ रही हुं ।
मोबाइल की प्रॉब्लम की वजह से मैं आपको व अन्य किसी को भी प्रतिक्रिया नहीं भेज पाई जिसके लिए मैं क्षमा चाहती हूं।
आपकी तो हर रचना बेहतरीन लगती है
प्रतिक्रिया तो बस एक औपचारिकता है
You are a great and master of poetry
वाहहहहहहहह बहुत खूब. आदरणीया
अभिषेक जी बहुत बहुत धन्यवाद आपका।
very beautifully written kajal ji……
रचना पसंद करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद आपका श्रीजा जी।
आप कौन सी ऐसी गोली खाई की अदृश्य हो गयी और प्रकट हुई तो ऐसी कविता के साथ….जँचा नहीं कुछ…. ज्यादा जँचा…..हा हा हा….आप ऐसे ही बल्कि इस से सिर अच्छा लिखिय पर गायब मत रहो….
जो गोली खाई आपको भी भेज दु क्या शर्मा जी।
रचना की सच्चाई बया करने के लिए बहुत बहुत
धन्यवाद आपका।
चिंता न करें मैं इससे अच्छी रचना लिखने की कोशिश कर रही हूं।
उम्मीद है इस बार कुछ तो बेहतर होगा ।
और एक बार फिर बहुत बहुत धन्यवाद नापसंद करने के लिए।
very nice presentation
विवेक जी बहुत बहुत धन्यवाद आपका रचना पसंद करने के लिए।
बेहतरीन ……………बहुत उम्दा काजल जी
मनोज जी बहुत बहुत धन्यवाद आपका ।