वक्त का साथ था जो मुझको तुम्हारा प्यार मिला
बड़ी मुश्किल से जीवन की राह में ऐतबार मिला
मैंने मानी थी शिकस्त दिल से दिलों के सौदों में
तुम मिले तो लगने लगा जैसे पूरा इकरार मिला
ये जिन्दगी मुझे तन्हा कर के कभी इतराया करी
तेरी बाँहों के घेरो में मगर पूरा हँसी संसार मिला
मेरी ख्वाईश थी किन्हीं नज़रों में मेरा अक्स दिखे
तेरी आँखो में जब झांका तो अपना दीदार मिला
किन्हीं साँसों में मधुकर जो महकना चाहा किया
तू ही बेदर्द ज़माने में बस मेरे लिए बेकरार मिला.
शिशिर मधुकर
waah sir…. its really awessome….
Thank you so very much Shrija …………..
बहुत ही खूबसूरती के साथ पालो को संजो के रख दिया आपने इस कृति में। बहुत ही खूबसूरत ……….शिशिर जी।
Thanks a lot Sheetalesh……………
बेहतरीन…………हर शेर लाजवाब…पर मुझे सबसे ज्यादा पसंद आया जो…
मेरी ख्वाईश थी किन्हीं नज़रों में मेरा अक्स दिखे
तेरी आँखो में जब झांका तो अपना दीदार मिला
So nice of you Babbu ji. Your words mean a lot to me. You are my Guru for Ghazals.
bahut bahut khub likha aapne
Thank you so very much Tamanna for commenting
ह्रदय के भावो का उम्दा सम्प्रेषण …………अति सुन्दर शिशिर जी !!
Thank you so very much Nivatiya ji for your lovely comment.
मैंने पूछा गजल से तू क्यों नहीं आती मेरे ख्यालों में, जवाब मिला बब्बू जी, मधुकर जी, निवतियां जी, तमन्ना जी, आनंद सागर जी और मणि जी ने चरों ओर से मुझे घेरकर पकड़ रखा है कैसे आऊं. अति सुंदर………………………….
kya baat hai….
Thank you very much Shivdutt ji
Vijay thank you so very much for your affectionate appreciation. Your words mean a lot.
शिशिर जी ये रचना आपकी बेहतरीन रचनाओं में से एक है । शब्द नहीं तारीफ के लिए ।
Kajal ji thank you so very much for your valuable words.